Kalawati ke Gatte: Sweet of Kannauj: यूपी का एक खास जिला कन्नौज पूरे विश्व मे अपने बेहतरीन इत्र की खुशबू के लिये प्रसिद्ध है । इसलिये कन्नौज को इत्र की नगरी के नाम से भी जाना जाता है । क्या आप जानते हैं कि इत्र के अलावा भी कन्नौज की एक चीज और मशहूर है वो हैं यहां के कलावती के गट्टे जिसका नाम लेते ही इसकी मिठास जुबान पर पानी ला देती है । सावन मे बनने वाली ये मिठाई करीब 101 साल पुरानी है ।
कन्नौज की मशहूर मिठाई कलावती गट्टे:
सावन माह की शुरूआत होते ही इत्र के शहर कन्नौज में एक खास तरह की मिठाई बहुत पसंद की जाती है । जो तिल से बन कर तैयार होती हैं । ये मिठाई पूरे साल मे केवल दो महीनों सावन और भादों में बनाई जाती है । सावन में मनाई जाने वाली वाली तीज में इसे खास तौर पर पसंद किया जाता है । कन्नौज की ये मिठाई 101 साल पुरानी मिठाई की दुकान में मिलती है । जिसे कलावती गट्टे के नाम से जाना जाता है । कन्नौज मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर कलावती गट्टा भंडार के नाम से मशहूर यह दुकान अजय पाल रोड के पास है।
सावन के मौके पर बनती है ये खास मिठाई:
सावन के खास त्यौहार तीज मे इस मिठाई की बहुत मांग होती हैं ।आसपास के जिलें के लोग इस खास तिल की पट्टी को लेने के लिये इस दुकान मे आते है । सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, मैनपुरी समेत दूर-दूर से लोग यहां इस मिठाई तिल की पट्टी को लेने आते है । जब किसी को अपने रिश्तेदार के घर जाना होता हैं तो लोग इस खास मिठाई को ले कर जाते हैं । ये तिल की मिठाई जुलाई और अगस्त के महिने में ही बनती हैं ।
कलावती के गट्टे दो तरह के स्वाद में :
कलावती गट्टे की मिठाई दो प्रकार से बनाई जाती है । एक मिठाई मेवे से तैयार की जाती है और दूसरी गुलाब के फ़ूलो से तैयार की जाती है । मेवे वाली मिठाई में गरी,किशमिश,बादाम ,काजू,चिरौजी ,देशी घी और केवड़े का इत्र मिलाया जाता है । गुलाब की मिठाई में देशी गुलाब की पत्तियों का प्रयोग किया जाता है । गुलाब पट्टी 80 रुपये किलो और मेवा पट्टी 100 किलो की मिलती है। सावन के महीने में कन्नौज के विश्व प्रसिद्ध बाबा गौरी शंकर मंदिर में बहुत दूर-दूर से श्रद्धालु यहा दर्शन करने आते है । इसके बाद यहां से यह मिठाई खरीद कर ले जाते हैं।
बबीता आर्या