Param Rudra Supercomputers : मौसम की सटीक भविष्यवाणी और किसानों को खेती में मदद के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 3 परम रुद्र सुपर कंप्यूटिंग सिस्टम और मौसम एवं जलवायु के लिए एक उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग सिस्टम का उद्घाटन किया। ये सभी स्वदेशी कम्प्यूटर हैं और करीब 130 करोड़ की लागत से तैयार किये गये है ।
तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटर का उद्घाटन: Param Rudra Supercomputers
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वदेशी तकनीकी से निर्मित तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटर (Param Rudra Supercomputers ) लॉन्च किये। राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत 130 करोड़ की लागत से बने ये कंप्यूटर देश के कृषि विकास में सहायक होंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा एक देश बड़ी उपलब्धियों का लक्ष्य तभी पा सकता है जब कार्यो के प्रति बड़ी दृष्टि हो।
टेक्नालॉजी का मकसद गरीबों को सशक्त बनाना:
इन सभी सुपर कंप्यूटर का नाम ‘परम रुद्र’ रखा गया है। तीनो सुपरकंप्यूटर के साथ अर्का और अरुणिका नामक हाई-परफार्मेंस कंप्यूटिंग सिस्टम लॉन्च किया। प्रधानमंत्री ने इस दिन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ‘बहुत बड़ी उपलब्धि’ बताया। उन्होंने कह कि टेक्नोलॉजी का अपडेशन गरीबों को सशक्त बनाने के लिए होना चाहिए। आज का भारत संभावनाओं के अनंत आकाश में नए अवसरों का निर्माण कर रहा है।’ इस तकनीकी विकास से गरीबों को सशक्त बनाया जा सकता है ।
500 साल का काम मिनटों मे करेंगे ये Param Rudra Supercomputers
इन तीनो Param Rudra Supercomputers को पुणे ,दिल्ली और कोलकाता मे स्थापित किया गया हैं । इन सुपर कंप्यूटरों का इस्तेमाल फास्ट रेडियो बर्स्ट (एफआरबी),प्राकृतिक घटनाओं की जानकारी और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने के लिये किया जायेगा। दिल्ली में इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (आईयूएसी) पदार्थ विज्ञान और परमाणु भौतिकी जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देगा वहीं दूसरी तरफ कोलकाता में एसएन बोस केंद्र भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान को बढ़ावा देगा। ये सुपर कंप्यूटर्स कई हजार कंप्यूटर्स का काम एक साथ कर सकते हैं। ये सभी सुपर कंप्यूटर हजारों गुना तेजी से काम करते हैं । जो काम आम कंप्यूटर 500 साल में करते हैं वो काम Param Rudra Supercomputers कंप्यूटर मिनटों मे कर सकतें हैं ।
मिशन भारत को आत्मनिर्भर बनाना है:
सरकार विज्ञान प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को प्राथमिकता दे रही है ।’ मिशन गगनयान’ योजना के तहत वर्ष 2035 में भारत के पास अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा। इस मिशन के पहले चरण को मंजूरी मिल चुकी हैं । इस अनुसंधान का मकसद देश को आत्मनिर्भर बनाना है ।
बबीता आर्या