Mahakumbh Job : उत्तर प्रदेश में होने जा रहा प्रयागराज महाकुंभ मेला, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक मेला तो होगा ही साथ ही यह महाकुंभ मेला, यूपी की आर्थिक काया पलट का भी कारण बनेगा। महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इसमें आने वाले लोग जाहिर है रुपए भी खर्च करेंगे। जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में करोड़ों, अरबो रुपए आएंगे । प्रदेश का राजस्व बढ़ेगा और प्रदेशवासियों को रोजगार मिलने के साथ उनकी आय भी बढ़ेगी।
45,000 लोगों को मिलेगा रोजगार
महाकुंभ मेले में राज्य के लगभग 45,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। महाकुंभ मेले के आयोजन के लिए एक बड़ी वर्कफोर्स की आवश्यकता होगी, इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगभग 45,000 ग्रामीण और शहरी जनता को रोजगार उपलब्ध कराएगी। महाकुंभ मेले के लिए मेला अथॉरिटी 480 ड्राइवर, 160 हेल्पर और 24 सुपरवाइजर नियुक्त करेगी। प्रयागराज नगर निगम द्वारा 300 सफाई कर्मचारी 50 ड्राइवर 40 मलबा मजदूर और 20 माली रखे जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग मेले के लिए 57 कंप्यूटर ऑपरेटर नियुक्त करेगा। महाकुंभ मेले में सभी के लिए रोजगार के कुछ ना कुछ अवसर होंगे। महाकुंभ मेला अथॉरिटी, प्रयागराज नगर निगम, सहायक निदेशक (स्वास्थ्य) द्वारा इस दौरान सैकड़ो लोगों को रोजगार दिया जाएगा जिला अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी (DUDA) और लेबर डिपार्टमेंट द्वारा महाकुंभ मेले में हजारों ग्रामीण और शहरी मजदूरों को कम मिलेगा। पूरे मेला क्षेत्र में 15,000 सफाई कर्मियों को लगाया जाएगा। इन मजदूरों के लिए सरकार द्वारा रहने, खाने और उनके बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की भी व्यवस्था की गई है। महाकुंभ मेला क्षेत्र में ही इन सफाई कर्मियों के लिए एक कॉलोनी तैयार की गई है, जहां उनके रहने की पूरी व्यवस्था होगी। मेला स्थल पर ही आंगनबाड़ी केंद्र तथा प्राथमिक विद्यालय भी बनाए गए हैं, ताकि कर्मियों के बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा ना आए। सभी कर्मियों का पैसा सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर होगा।
यूपी के हस्तशिल्प को मिलेगी नई जान
महाकुंभ मेले के दौरान 100 से ज्यादा हस्तशिल्पी और कलाकार अपने हुनर की प्रदर्शनी लगायेंगे। पहली बार ऐसा होने जा रहा है, जब महाकुंभ मेले में भारत के 100 बेहतरीन हस्तशिल्प उद्योग एक साथ अपने सामान की प्रदर्शनी लगायेंगे। इसमें बनारसी साड़ी से लेकर दक्षिण भारतीय हैंडीक्राफ्ट और प्रयागराज के Moonj प्रोडक्ट्स भी होंगे। इस प्रदर्शनी को लाइव ऑनलाइन ब्रॉडकास्ट के जरिए दुनिया भर में दिखाया जाएगा। कुंभ में आने वाले पर्यटक और तीर्थ यात्री भी यहां खरीदारी कर सकेंगे। प्रदर्शनी में प्रदेश के लगभग हर जिले से एक उत्पाद यहां प्रदर्शित किया जाएगा। जैसे बांदा का Sajar स्टोन का काम, झांसी के सॉफ्ट टॉयज, चित्रकूट के लकड़ी के खिलौने यहां देखने को मिलेंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खरीदारों की सुविधा के लिए India Handmade वेबसाइट भी लॉन्च की गई है, ताकि ग्लोबल स्तर पर खरीदारों को सामान खरीदने का मौका मिल सके। प्रदेश के अलावा यहां देश भर के हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स भी उपलब्ध होंगे, जिसमें फिरोजाबाद की चूड़ियां, निजामाबाद के काली मिट्टी के बर्तन, पंजाब की फुलकारी, हिमाचल- उत्तराखंड के ऊनी वस्त्र शामिल होंगे। विदेश से आने वाले खास मेहमानों को कुंभ की थीम पर आधारित हैंडीक्राफ्ट गिफ्ट भी यादगार के तौर पर दिए जाएंगे। प्रदर्शनी में जम्मू कश्मीर की पशमीना शॉल, राजस्थान की जूतियां, भदोही के कालीन और मुरादाबाद का पीतल का सामान भी देखने को मिलेगा। उम्मीद है कि महाकुंभ से प्रदेश की इकोनामी को बूस्ट मिलेगा साथ ही कई रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे, जिससे स्थानीय नागरिको के आर्थिक हालत भी बेहतर होंगे। उत्तर प्रदेश में महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिए 7,500 करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद है।