Saturday, October 11, 2025
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डॉ एस बी सारस्वत की नई किताब (Management Of Change): बदलते दौर में स्टील इंडस्ट्री की लीडरशिप का फॉर्मूला

Management Of Change

by KhabarDesk
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Management Of Change

Management Of Change : स्टील इंडस्ट्री के क्षेत्र में भारत ने विश्व स्तर पर ऊंचा मकाम हासिल किया है। स्टील इंडस्ट्री को इस उच्च स्तर तक लाने में स्टील कंपनियों की मार्केट लीडरशिप का बड़ा हाथ रहा है। अभी भी तेजी से बदलते ग्लोबल परिदृश्य में वैश्विक प्रतियोगिता के चलते बहुत सी चुनौतियां मौजूद हैं। स्टील सेक्टर में मार्केट लीडरशिप बनाए रखने के लिए Management Of Change यानि बदलाव का प्रबंधन बहुत ही अहम भूमिका रखता है।

इसी विषय पर स्टील क्षेत्र में लंबा अनुभव रखने वाले और कई किताबों के लेखक डॉक्टर एस बी सारस्वत ने अपनी नई किताब के जरिए इस विषय के कई गंभीर पहलुओं पर प्रकाश डाला है। मार्केट लीडरशिप बाय स्टील कंपनी थ्रू मैनेजमेंट चेंज ( Market Leadership by Steel Companies through Management of Change) और उनकी लिखी एक अन्य किताब स्ट्रैटेजीज टू इंक्रीज प्रॉफिट थ्रू इन्वेंटरी मैनेजमेंट (Strategies to Increase Profit through Inventory Management) का लोकार्पण 13 अक्टूबर को कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज नई दिल्ली में, सड़क, यातायात और राजमार्ग व कॉर्पोरेट अफेयर राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने किया।

जैसा कि इस किताब के शीर्षक से स्पष्ट है लेखक डॉक्टर एस बी सारस्वत ने स्टील इंडस्ट्री में लीडर बने रहने के लिए मैनेजमेंट आफ चेंज यानी बदलाव के प्रबंधन को बेहद जरूरी बताया है। स्टील इंडस्ट्री में वैश्विक प्रतियोगिता, तकनीकी प्रगति और बाजार की बदलती गतिशीलता के कारण लगातार उथल-पुथल मची रहती है, ऐसे में स्टील कंपनियों को अग्रणी बने रहने के लिए बहुत से मोर्चों पर एक साथ लड़ना होता है। यह किताब इन परिवर्तनों के कुशल प्रबंधन पर विस्तार से बात करती है। एक्सेल इंडिया प्रकाशक (Excel India Publishers) द्वारा प्रकाशित इस किताब में प्रतिस्पर्धी बाजार में परिवर्तन को कामयाबी से निष्पादित करते हुए लीडरशिप बनाए रखने की रणनीति के गुण बताए गए हैं।

अपनी किताब के लॉन्च के मौके पर स्टील इंडस्ट्री में कई दशकों का अनुभव रखने वाले लेखक, डॉ एस बी सारस्वत (Dr S B Saraswat) ने बताया कि 1991 में इकोनामिक लिबरलाइजेशन से पहले भारत में स्टील इंडस्ट्री काफी चुनौतियों से जूझ रही थी, स्टील के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। लेकिन 1991 के बाद सारा परिदृश्य बदल गया। स्टील प्रोडक्शन में कभी दसवें स्थान पर रहने वाला भारत आज दूसरे पायदान पर पहुंच गया है और इसका बड़ा श्रेय स्टील इंडस्ट्री में भारतीय कंपनियों की लीडरशिप को जाता है। डॉ एस बी सारस्वत स्टील सेक्टर के जाने-माने टेक्नोलॉजिस्ट है। जिन्हे स्टील के क्षेत्र में, ऑपरेशन, प्रोजेक्ट और सप्लाई चैन मैनेजमेंट में चार दशक से भी ज्यादा का अनुभव है। वे SAIL में संयुक्त निदेशक, Global Steel Europe में निदेशक, Daniel Corus India में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर काम कर चुके हैं और वर्तमान में Global e-Auction (P) में एम डी के पद पर कार्यरत है।

बदलाव के कुशल प्रबंधन का ब्लूप्रिंट है इस किताब में

स्टील क्षेत्र में अपने लंबे अनुभव को उन्होंने इस किताब की शक्ल में पेश किया है। उनका मानना है, स्टील के क्षेत्र में मार्केट लीडरशिप हासिल करने के लिए बदलाव की धारा में बहना पहली शर्त है। डॉक्टर सारस्वत की यह किताब बदलाव पर एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है। जिसमें कंपनियों को निरंतर नई तकनीक अपनाने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और मजबूत ग्राहक साझेदारी बनाने पर जोर दिया गया है। किताब में दिए गए दिलचस्प केस स्टडीज के माध्यम से पाठक विभिन्न कंपनियों की वास्तविक दुनिया की उन सक्सेस स्टोरीज को जान पता है जहां बदलाव के कुशल प्रबंधन से कंपनियों ने बेहतर उत्पादन, गुणवत्ता और ग्राहकों के भरोसे का लक्ष्य हासिल किया।

डॉक्टर सारस्वत की ये किताब औद्योगिक जगत में आ रहे बदलाव और प्रतियोगिता के बीच कठिन और निर्णायक फैसले लेने की क्षमता को रेखांकित करती है। उनका मानना है साधारण सुधारो से लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता, इसके लिए कंपनियों को संगठनात्मक डिजाइन और आर्गेनाईजेशन डिजाइन के साथ नेतृत्व में संरचनात्मक बदलाव की भी जरूरत होती है। उनकी किताब ऐसे ही परिवर्तनों के लिए एक ब्लूप्रिंट प्रस्तुत करती है,जिसमें वर्कफोर्स के विकास के साथ व्यवहारिक दक्षता और निरंतरता पर जोर दिया गया है। इस किताब में स्टील कंपनियों के लिए बेहद सृजनात्मक सुझाव हैं। जिनमें ग्राहक के भरोसे पर काम करना सर्वोपरि है। यही वह कुंजी है जो अंत में कंपनी को मार्केट लीडरशिप की ओर ले जाती है। भारतीय स्टील इंडस्ट्री में डॉ बी एस सारस्वत के लंबे काम और चुनौतियों का अनुभव और उससे उपजी अंतर्दृष्टि इस किताब को न सिर्फ इंडस्ट्री लीडर्स बल्कि नीति निर्धारकों और ऐसे प्रोफेशनल्स के लिए भी पठनीय बनाती है जो रणनीतिक बदलाव प्रबंधन के जरिए उद्यमशीलता में आगे बढ़ने का लक्ष्य रखते हैं।

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