Melbourne University : पद्मश्री से सम्मानित भारतीय बाल रोग विशेषज्ञ, जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता और आशा नामक गैर सरकारी संगठन की संस्थापक डॉ किरण मार्टिन को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न यूनिवर्सिटी ने डॉक्टर आफ लॉ की मानव उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया है। डॉक्टर किरण को यह सम्मान झुग्गियों में रहने वाले गरीब लोगों खासकर उनके बच्चों के स्वास्थ्य और उनके सामुदायिक विकास के लिए किए गए उनके परिवर्तनकारी कार्यों के लिए प्रदान किया गया है।
मेलबर्न यूनिवर्सिटी से सम्मानित होने वाली डॉक्टर किरण पहली भारतीय महिला है । इसके पहले 2010 में प्रख्यात सितार वादक पंडित रविशंकर को मेलबर्न यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की मानद डिग्री प्रदान कर उनके प्रतिभा का सम्मान किया था। डॉक्टर किरण ने यूनिवर्सिटी से मिले अपने इस सम्मान को झुग्गी बस्तीयों में रहने वाले लोगों को समर्पित किया है।
डॉक्टर ऑफ लॉ मानद उपाधि,मेलबर्न विश्वविद्यालय( Melbourne University) द्वारा प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। इस मौके पर मेलबोर्न मेडिकल स्कूल के डीन प्रोफेसर जेन गन (Jane Gunn) द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रस्तुत किया गया। समारोह में 400 मेडिकल और पीएचडी स्नातकों ने भाग लिया।
यह मानद डॉक्टरेट डॉ. मार्टिन के आजीवन मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हाशिये पर पड़े समुदायों का उत्थान कर डॉ. मार्टिन ने उच्चतर सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। “आशा” समुदाय के सहयोग से झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों 11 छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न विश्वविद्यालय, सिडनी विश्वविद्यालय और क्वींसलैंड विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए छात्रवृत्ति दी गई है।
यह यह पहली बार है कि भारतीय मलिन बस्तियों से इतनी संख्या में छात्रों ने शीर्ष ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों में अध्ययन किया है। “आशा” ने अपने स्लम समुदायों में 5,000 से अधिक छात्रों को आगे बढ़ने में सहायता की है। जिससे वे भारत भर के विश्वविद्यालयों में शिक्षा पा रहे हैं। जिसमें मास्टर और पीएचडी कार्यक्रम शामिल हैं।
1988 में अपनी स्थापना के बाद से “आशा” ने दस लाख से अधिक झुग्गी निवासियों के जीवन में बदलाव ला दिया है। डॉ. मार्टिन की यात्रा दक्षिण दिल्ली की झुग्गी बस्ती में आंत्रशोध फैलने के दौरान शुरू हुई, जहां लोगों की मदद करने के उद्देश्य से उन्होंने पेड़ के नीचे एक डेस्क के साथ इस अभियान की शुरुआत की थी। और तब से वे हाशिए पर पड़े समुदाय के लोगों के लिए आशा की किरण बन गई हैं। डॉ. मार्टिन के नेतृत्व में, आशा के स्वास्थ्य कार्यक्रम गरीब परिवारों की मदद कर रहे हैं,जिसमें प्रसवपूर्व, प्रसवोत्तर और बाल चिकित्सा देखभाल, परिवार नियोजन और बांझपन शामिल हैं। स्लम बस्तियों में सामुदायिक विकास के लिए किए गए उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए उन्हें 2002 में पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया था।