Samosa is Banned : भारत में लोग प्रतिदिन लगभग 5 से 6 करोड़ समोसे रोज खा जाते हैं। क्या आपने कभी सोचा है भारत का पसंदीदा स्नैक्स समोसा किसी देश में बैन भी हो सकता है। यह शायद आपको सुनने में अटपटा लगे लेकिन यह सत्य है। सोमालिया में समोसा खरीदना किसी गुनाह से कम नहीं माना जाता है । यहां पर समोसा खाने पर सजा का प्रावधान है । समोसे का एक विशेष प्रकार का आकार जो त्रिकोणीय रूप में होता है। वह क्रिश्चियन कम्युनिटी के लिए बेहद खराब माना जाता है । सोमालिया का एक चरमपंथी समूह यह है मानता है कि समोसे का तिकोना आकर क्रिश्चियन कम्युनिटी के बेहद करीब होता है । तो आईए जानते हैं भारत में लाखों करोड़ों लोगों की पसंद समोसा सोमालिया में आखिरकार क्यों बैन है।
भारत में लोग प्रतिदिन 5 से 6 करोड़ समोसे खाते हैं:
भारत में समोसा एक अल्पाहार व्यंजन के रूप में जाना जाता है । समोसे का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आने लगता है। भारत का यह लाजवाब स्नैक्स आपको हर गली, नुक्कड़ के ठेले और दुकानों पर जरूर मिल जाएगा। कई जगह इस समोसे को छोले और चटनी के साथ नाश्ते के रूप में खाना पसंद करते हैं। बात अगर शाम की चाय की हो तो भी समोसे के बिना चाय कुछ अधूरी सी लगती है। अगर किसी के घर मेहमान आते है तो मेहमानों का स्वागत ज्यादातर घरों में चाय के साथ समोसे खिलाकर किया जाता है। भारतीय आंकड़ों के अनुसार भारत में लोग प्रतिदिन 5 से 6 करोड़ समोसे खा जाते हैं। इस समोसे का इतिहास बहुत ही पुराना है। यह मीलो चलकर ईरान से भारत पहुंचा था। आज समोसे का यह अरबो का कारोबार तमाम छोटी बड़ी दुकानों से रेस्टोरेंट तक में आपको देखने को मिलेगा। इस समोसे को बेच कर लोग मोटी कमाई भी कर रहे हैं। समोसे की बढ़ती हुई डिमांड को देखते हुए विदेश में आजकल तो फ्रोजन समोसे का भी निर्यात होने लगा है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुछ ऐसी जगह भी हैं जहां पर समोसा खाने पर बैन लगा हुआ है। इसकी वजह जानकर आप बेहद हैरान हो जाएंगे।
सोमालिया में समोसा खाने और बनाने पर बैन:
आपको बता दें कि सोमालिया एक ऐसा देश है जहां पर समोसा खाने और बनाने पर बैन लगा हुआ है। सोमालिया में समोसा बनाना, खरीदना और खाना हर प्रकार से प्रतिबंधित है। यहां पर समोसा बनाने और खाने पर सजा का प्रावधान है । सोमालिया का एक चरमपंथी समूह मानता है कि समोसे का आकार जो तिकोने रूप का है वह क्रिश्चियन कम्यूनिटी के बेहद करीब होता है। इसके साथ ही लोगों का यह भी कहना है कि सोमालिया में इतनी गरीबी और भुखमरी होने के कारण मरे हुए जानवरों का मीट भी समोसे में इस्तेमाल किया जाता था । इसके साथ ही समोसे का तिकोना आकार आक्रामकता का रूप माना जाता है। लेकिन भारत में खाया जाने वाला समोसा, मैदे से बना हुआ होता है। जिसके अंदर एक मसालेदार आलू का भरावन होता है। जो की इस समोसे को लाजवाब स्वाद देता है । समोसे को तल कर या बेक करके बनाया जाता है।
कंहा से आया ये लाजवाब समोसा :
आपको बता दें समोसा एक मुगल कालीन स्नैक्स है। यह मीलो दूर ईरान से चलकर भारत आया था। इसका यह तिकोना आकार कब बनना शुरू हुआ इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। ऐसा माना जाता है कि यह डिश ईरान में पाई जाती थी। जहां पर इसे फारसी में संबुश्क (sambusak) कहा जाता था । भारत में आते आते इसका नाम समोसा पड़ गया। भारत के कुछ जिलों में इसे सिंघाड़े के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इसका आकार पानी फल सिंघाड़े की तरह दिखता है। इतिहासकार अबूल-फल-बेहाकी ने लिखा है कि गजनवी के दरबार में इसे एक नमकीन स्नैक्स के रूप में परोसा गया था । उस समय इसमें कीमे और मावे भरे हुए होते थे । इसके बाद भारत पहुंचने पर इस लाजवाब समोसे में कई तरह के बदलाव हुए । जिसमें मीट की जगह शाकाहारी सब्जियों ने ले ली। जो कि आज भारत का पसंदीदा स्नैक्स समोसा बन गया।
बबीता आर्या