Saturday, December 20, 2025
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आस्था के पर्व नवरात्रि में व्रत के दौरान कैसे रखें अपने स्वास्थ्य का ख्याल

by KhabarDesk
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Navratri Vrat

Navratri Vrat :  हिंदु धर्म के महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हो गई है। इसे शक्ति का पर्व यानी माँ आदिशक्ति की अराधना का पावन त्यौहार माना जाता है। माँ दुर्गा की उपासना का यह त्यौहार पूरे भारत वर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इन नौ दिनों तक सभी मंदिर और घर माँ अंबे के जयकारों से गूंजते रहते हैं। नवरात्रों में सभी भक्त गण माता रानी को प्रसन्न करने के लिए व्रत या उपवास भी रखते हैं। आइए जानते हैं कि हम यह व्रत किस प्रकार से रखे कि पूरे दिन एनर्जी से भी भरें रहें और हमारे पूरे शरीर की आंतरिक सफाई भी होती रहे।

आस्था का महापर्व नवरात्रि:

नवरात्रि के पावन अवसर पर हम माँ आदिशक्ति की पूजा पूरे विधि-विधान से करते हैं। यद्यपि नवरात्रि वर्ष में चार बार आती हैं। जिसमें  चैत्र और अश्विन माह के नवरात्र विशेष माने जाते हैं। गृहस्थ जीवन वालों की उपासना के लिए यह दो नवरात्र विशेष होते हैं। सभी गृहस्थ जन नवरात्रि के पावन अवसर पर मा दुर्गा की पूजा उपासना के लिए उपवास या व्रत रखते हैं । कुछ लोग इसे अपने शरीर को डिटॉक्स करने का एक जरिया भी मानते हैं । देखा जाए तो मां भगवती की पूजा के लिए या अपने शरीर को आंतरिक तौर से साफ करने के लिए यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है । कुछ लोग इस व्रत को बहुत ही कठिन नियम के साथ रखते हैं तो कुछ इस व्रत को फलहार के साथ रखते हैं। आइए जानते हैं कि आप भी 9 दिनों के व्रत में किस प्रकार का फलाहार ले जिससे आपका शरीर ऊर्जावान भी रहे और आपको माता रानी का पूरा आशीर्वाद भी मिले।

पेय पद्धार्थ भी है जरूरी:

उपवास के दौरान डाइटिशियन के मुताबिक आपको पूरे दिन भूखे प्यासे रहने की वजह कुछ अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाते रहना चाहिए। यदि आप किसी भी प्रकार के अन्न का सेवन नहीं कर रहे हैं तो आप अपनी डाइट में पानी, नारियल पानी, नींबू पानी आदि जैसे पेय को शामिल कर सकते हैं। यह आपको दिन भर ऊर्जावान भी रखेंगे और आपके शरीर को डिटॉक्स करते हैं ।पूरे दिन पानी का सेवन न करना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है । इसलिए सेहत का ध्यान रखते हुए मां की भक्ति के साथ-साथ शरीर और मन को शुद्ध रखना भी जरूरी है।

मौसमी फलों का करें चुनाव:

फलाहार करते समय आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि जो फलाहार आप अपने उपवास के लिये चुन रहे हैं,वह आपको स्वस्थ भी रखे और एनर्जी भी दे । इसके लिए आप मौसमी फलों का चुनाव भी कर सकते हैं। जिस मौसम में आप व्रत रख रहे हैं उस मौसम में आने वाले फलों का चुनाव आप अपने फलहार में शामिल कर सकते हैं । पूरे वर्ष आने वाला फल केला एक बेहतरीन फलहार है । जो आपको पूरे दिन एनर्जी से भी भरपूर रखेगा और आपके पेट को भरा हुआ महसूस करायेगा। यह एनर्जी का एक सुपर डोज है । जो पूरे वर्ष हर मौसम में प्राप्त होता है । इसके अलावा आप अपने फलहार में मौसमी या अनार जैसे अन्य ऊर्जा दायक फलों को भी शामिल कर सकते हैं।

फ्राई आलू से बचें:

उपवास में यदि आप एक समय अन्न का सेवन करते हैं, तो आपको तले हुए व्यंजनों से परहेज रखना चाहिए। जिसमें  आप तले हुए आलू और मीठी चीजों से दूरी बनाएं । यह आपके डाइजेशन को खराब कर सकती हैं। इसके साथ-साथ आपको दिन भर आलस भरा महसूस करायेंगी यदि आपको अन्न का सेवन करना ही है तो आप इसमें सावा के चावल की खीर या खिचड़ी का उपयोग कर सकते हैं । यह सुपाच्य होती है और जल्दी पच जाती है । आप उबले हुए आलू जो तले हुए ना हो उसे टमाटर की चटनी के साथ खा सकते हैं। इसके साथ आप अपने फलहार में साबूदाने की खीर या खिचड़ी का उपयोग भी कर सकते हैं । कुट्टू के आटे से बनी रोटी और लौकी की सब्जी का सेवन भी आप कर सकते हैं, जो कि कम तेल में सेंधा नमक से बनी हुई होती है।

फलाहार में हो फाइबर की उचित मात्रा:

आपको अपने उपवास के दौरान अपने फलहार में फाइबर की मात्रा का ध्यान रखना अति आवश्यक है। आपके रोजाना के भोजन में करीब 40% फाइबर का मौजूद रहना अति आवश्यक होता है । आहार में मौजूद फाइबर आपके पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराते हैं । आपके वजन को नियंत्रित करते हैं,साथ ही आपके डाइजेशन को भी हल्का रखते हैं। फाइबर युक्त भोजन आपके शरीर की सेहत के साथ-साथ आपके मन को भी स्वस्थ रखता है । आपके हार्ट को भी दुरुस्त रखता है । इसके लिये मखाना एक बेहतरीन विकल्ल्प हैं । यदि आप उपवास के दौरान मखाने का सेवन करते हैं तो मखाने में मौजूद प्रचुर मात्रा में फाइबर आपके सेहत के लिये फायदेमंद होता है । इसके साथ-साथ खीरे और गाजर में भी अच्छी मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। यह घुलनशील और अघुलनशील दोनों ही प्रकार के होते हैं । यह आपके पेट को साफ रखते हैं और हृदय को स्वस्थ रखते हैं।

बबीता आर्या

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारी सामान्य संदर्भ के लिए है और इसका उद्देश्य किसी धार्मिक या सांस्कृतिक मान्यता को ठेस पहुँचाना नहीं है। पाठक कृपया अपनी विवेकपूर्ण समझ और परामर्श से कार्य करें।

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