DeepSeek : पिछले कुछ दिनों से पूरी दुनिया में DeepSeek, Chat GPT, Nvidia, गूगल-Gemini, Meta AI और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अमेरिकी वर्चस्व और चीन की चुनौती की खबरों ने खलबली मचा दी है। अमेरिकी शेयर मार्केट से लेकर भारत के सेंसेक्स यानी स्टॉक मार्केट में सोमवार, 27 जनवरी को अफरा-तफरी का माहौल था।
जे पी स्वर्ण
DeepSeek AI को लेकर क्या है खास? जो पूरी दुनिया में चीन की स्टार्टअप कंपनी DeepSeek की चर्चा हो रही है। चीन की स्टार्टअप DeepSeek के हालिया AI मॉडल के लॉन्च से दुनिया भर की टेक्नोलॉजी कंपनियों और बाजारों में हड़कंप मच गया है। खासकर अमेरिका की AI इंडस्ट्री की चूलें हिल गई हैं। ऐसा दावा किया जा रहा है कि AI का DeepSeek V3 और R1 चीनी मॉडल अमेरिका के बेहतरीन AI Chat GPT मॉडल के बराबर है और वह भी बहुत ही कम लागत पर तैयार किया गया है। यही वजह है कि DeepSeek के इस AI R1 मॉडल के लॉन्च ने टेक्नोलॉजी वर्ल्ड ऑर्डर को अपसेट कर दिया है। पिछले सप्ताह DeepSeek R1 के रिलीज की खबर ने सनसनी मचा दी कि यह Open AI O1 मॉडल से 20 से लेकर 50 गुना सस्ता है।
अमेरिकी शेयर बाजार में कोहराम
Deep Seek R1के लांचिंग की खबर से अमेरिकी टेक दिग्गज कंपनी Nvidia की वैल्यू छठे हिस्से यानी 600 अरब डॉलर तक गिर गई है। एन वीडीया (Nvidia) के साथ माइक्रोसॉफ्ट और गूगल की बाजार वेल्यू को भी धक्का लगा है। DeepSeek R1 के लांचिंग के बाद DeepSeek कंपनी ने अपने मॉडल की कार्य क्षमता और दक्षता को लेकर बड़े दावे किए हैं। कंपनी का कहना है कि इसका मॉडल R1 अमेरिकी कंपनी ओपन AI के लेटेस्ट मॉडल की कार्य कुशलता की बराबरी करता है, जब इसका इस्तेमाल गणितीय गणना, कोडिंग और प्राकृतिक भाषा का पठन (Natural Language reading) और तर्क के लिए करते हैं। सिलिकॉन वैली वेंचर कैपिटलिस्ट और ट्रंप के सलाहकार मार्क एंडरीसेन (Mark Andreesea) ने डीप सीक R1को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए “स्पूतनिक क्षण”(Sputnik Moment) कहा है, जो 1957 में सोवियत संघ के अंतरिक्ष में सैटेलाइट लॉन्च के संदर्भ में है।
Deep Seek के AI क्षेत्र में अचानक सनसनी मचाने से यूरोप और अमेरिका के स्टॉक मार्केट में खलबली मच गई है। सोमवार, 27 जनवरी को अमेरिकी AI चिप निर्माता Nvidia के शेयरों में 16.9% की गिरावट देखी गई। वहीं इसकी प्रतिस्पर्धी कपंनी ब्रॉडकॉम (Broadcom) के शेेयर 17.4 % तक लुढ़क गए। माइक्रोसॉफ्ट 2.14 %, तो गूगल की पैरंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) के शेयर 4% तक धराशाही हो गए। वहीं यूरोप की डच चिप इक्विपमेंट मेकर ASML का शेयर सोमवार को 7% तक लुढ़क गया। सीमेंस (SIEMENS) एनर्जी का शेयर भी लुढ़क गया। सीमेंस एनर्जी (SIEMENS) AI से संबंधित हार्डवेयर बनाती है।
भारतीय स्टॉक मार्केट भी इससे अछूता नहीं रहा। सोमवार, 27 जनवरी को भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के 12 लाख करोड़ रुपए स्वाहा हो गए। इतना ही नही, 28 जनवरी को सबसे बड़ी गिरावट अनन्तराज (ANANT RAJ) में 20% तक देखी गई। हालांकि, यह कंपनी मुख्य रूप से रियल स्टेट क्षेत्र में काम करती है। लेकिन पिछले कुछ सालों में इसने अपने कारोबार को विस्तार देने के लिए डेटा सेंटर सर्विस की शुरुआत की है, जो अपने सब्सिडियरी Anant Raj Cloud के माध्यम से AI के एप्लीकेशन के क्षेत्र में विभिन्न कंपनियों को सुरक्षित और विश्वसनीय समाधान उपलब्ध कराने का काम करती है। इसके लिए कंपनी ने जुलाई 2024 में गूगल के साथ सहकार्यता(Collaboration) को लेकर एक समझौता भी किया है। 27 जनवरी को भारतीय शेयर मार्केट में तेज गिरावट देखी गई। आई टी और टेक कंपनियों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई।
DeepSeek के संस्थापक (Founder) कौन हैं?
इस कंपनी की स्थापना 2023 में लिआंग वेनफेंग ने चीन के दक्षिण क्षेत्र के हांगचोउ शहर में की थी। लियांग की उम्र 40 वर्ष है और वे सूचना और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं। उसने एक हेज फंड कंपनी, High Flayer की भी स्थापना की है जो DeepSeek को वित्तीय सहायता मुहैया कराती है।
DeepSeek के AI क्षेत्र में नई शुरुआत से अमेरिका और चीन के बीच एक तरह से प्रौद्योगिकी शीत युद्ध की भी बात कही जाने लगी है। आज दुनिया में करोड़ों लोग Chat GPT जैसे टूल का इस्तेमाल अपने रोजमर्रा की तकनीकी जरूरत को पूरा करने के लिए कर रहे हैं। वह इसकी मदद से ईमेल लिखना, किसी पाठ का सारांश, सवालों के जवाब देना और इसी तरह से बेसिक कोडिंग और कई अन्य समस्याओं के समाधान के लिए इन AI टूल्स का सहारा ले रहे हैं।
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ?
‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर ऐसी मशीनों का निर्माण करता है जो मनुष्य की तरह सीख सकती हैं, तर्क कर सकती हैं और कार्य कर सकती है। AI सिस्टम डेटा का विश्लेषण करने और निर्णय लेने के लिए एल्गोरिथम (Algorithm) का उपयोग करता है। एल्गोरिथम एक गणितीय प्रक्रिया है जिसमें सीमित चरणों का इस्तेमाल करके किसी समस्या का हल निकाला जाता है। दरअसल, एल्गोरिथम निर्देशों का एक ऐसा समूह होता है जो कंप्यूटर को किसी परिभाषित समस्या को हल करने के लिए निर्देशित करता है। जिसमें गणना करने की प्रक्रिया, डाटा को प्रोसेस करने का तरीका और निर्णय कैसे लिए जाएं शामिल होते हैं। यह एक नुस्खे की तरह कार्य करता है जो एक विशेष लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित कार्यों की एक श्रृंखला के माध्यम से मार्गदर्शन करता है।
इस तरह, AI प्रौद्योगिकी तकनीक का एक समूह है, जिसमें कंप्यूटर के जरिए उन्नत कार्य- जैसे देखने की क्षमता को, बोलने और लिखने की भाषा को समझने और अनुवाद करने, डाटा का विश्लेषण करने, सिफारिश करने और बहुत कुछ करने की क्षमता होती है। इसका उद्देश्य कार्यों को स्वचालित करके, निर्णय लेने की क्षमता को अनुकूलित करने का होता है। इसकी उपयोगिता और उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और वित्त जैसे क्षेत्रों में नवाचार (new innovation) को बढ़ावा देना और उद्योगों में क्रांति लाना है।
AI सॉफ्टवेयर का उपयोग हमारी दिनचर्या या दिनों दिन के कार्यों में किया जाता है । जैसे ध्वनि असिस्टेंट, छवि पहचान (Image recognition) और बहुत सारे कार्यों को आसान, सुरक्षित, त्वरित तरीके से करना शामिल है।
AI में प्रतिस्पर्धा बढ़ने की संभावना तेज
चीन के स्टार्टअप DeepSeek के हालिया AI मॉडल से दुनिया भर के टेक्नोलॉजी कंपनियों और बाजार में हड़कंप मच गया है। खासकर अमेरिका की AI इंडस्ट्री की बौखला उठी है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि AI का यह चीनी मॉडल अमेरिका के बेहतरीन AI मॉडल के बराबर है। और वह भी बहुत ही कम लागत पर तैयार हुआ है। इससे टेक्नोलॉजी वर्ल्ड आर्डर को अपसेट कर दिया है। पिछले महीने DeepSeek कंपनी ने दुनिया में AI क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों का ध्यान इस बात से अपनी ओर खींचा कि DeepSeek R1 प्रतिद्वंदी Chat GPT को पछाड़कर Apple Mobile Phone के एप स्टोर पर फ्री एप्लीकेशन मुहैया करा रहा है। DeepSeek का ये कदम एनवीडीया समेत अमेरिकी दिग्गज कंपनियों पर संदेह उत्पन्न करता है कि AI में बिलियनों डॉलर यानी अरबों-खरबों रुपयों के निवेश का संकल्प अथवा अनाप-शनाप निवेश किया गया है और भविष्य में और भी जयादा निवेश की जरूरत होगी।
यहां यह उल्लेखनीय है कि 80-90 के दशक में अमेरिका और पश्चिम यूरोपीय देशों ने अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले सैटेलाइट और रॉकेट टेक्नोलॉजीज को लेकर भेदभाव और क्लोज- डोर प्रौद्योगिकी रिसर्च और एप्लीकेशन की नीति अपना कर विकासशील एशियाई देशों को पिछलग्गू बना कर रखा। लेकिन भारत और चीन जैसे देशों ने इन अवरोधों का सामना करते हुए चुनौतियों को स्वीकारा और कई गुणा सस्ती लागत पर स्पेस सांईस में भी परचम लहराया। आज भारत और चीन सैटेलाइट लांचिंग को लेकर काफी प्रतिस्पर्धात्मक हो चुका है। ठीक इसी तरह DeepSeek के AI मॉडल आने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और कम लागत पर भी AI का इस्तेमाल उद्योग जगत से लेकर हर क्षेत्र में विकास की गति को तेज रफ्तार देगा।