Anti milk spilling vessel: कितनी भी ऐतिहात बरतो ,कितना भी ध्यान दो, लेकिन जरा सी नजर हटी और दूध उबल कर बाहर । आपके साथ भी ऐसा होता ही रहता होगा । 90 फ़ीसदी घरों में हफ्ते में दो-तीन बार तो दूध उबालते समय गिर ही जाता है । अक्सर महिलाएं गैस पर दूध उबालने के लिए छोड़कर घर के दूसरे कामों में व्यस्त हो जाती हैं, और ध्यान हट जाने पर दूध उबल कर गिर जाता है। ऐसे में दूध तो बर्बाद होता ही है, गैस भी गंदी हो जाती है और काम बढ़ जाता है। जिससे समय की भी बर्बादी होती है। गृहिणयों की ये समस्या देखने में तो छोटी लगती है लेकिन उनके के लिए यह बहुत बड़ा सिर दर्द है । ग्रग्रहणियो की इसी समस्या को समझ कर छत्तीसगढ़ की एक युवा वैज्ञानिक ने इसका समाधान पेश किया है। 12वीं कक्षा की छात्रा हिमांगी हलदर ने एक ऐसे बर्तन का आविष्कार किया है जिसमें दूध उबल कर कभी नहीं गिरता । आप चाहे दूध को गैस पर रखकर भूल भी जाओ लेकिन दूध कभी बाहर नहीं आएगा।
Anti milk spilling vessel इस बर्तन से उबल कर नहीं गिरता है दूध
लगभग हर घर में दूध उबल कर गिरने की प्रॉब्लम को देखकर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की रहने वाली हिमांगी हलदर ने अपने दिमाग का इस्तेमाल कर एक ऐसा बर्तन तैयार किया जिससे दूध उबल कर गिर नहीं पाएगा। दरअसल हिमांगी ने इस इनोवेशन के लिए दो बर्तनों को जोड़कर इस खास Utensil को तैयार किया है । उन्होंने पतीले के शेप के एक यूनिफॉर्म बर्तन को लिया और फिर उसके ऊपरी किनारो पर एक ऐसे बर्तन को जोड़ा जिसका सरफेस एरिया अधिक था, फिर उन दोनों बर्तनों के बीच की जगह को उन्होंने खास तरह से तैयार किया, जहां middle extended portion की वजह से गैस तेज होने के बावजूद भी दूध उबल कर गिर नहीं पाता है। दरअसल उबलते समय जब दूध, क्रीमी लेयर के साथ ऊपर आता है तो एक्सटेंडेड पोर्शन, क्रीमी लेयर को कट कर देता है, जिससे जितना भी अतिरिक्त प्रेशर होता है वह रिलीज हो जाता है और दूध के बर्तन के ऊपर केवल क्रीमी लेयर दिखाई देती है, दूध ऊपर जाकर बाहर नहीं निकल पाता। यानी दूध कितना भी उबल जाए वह बर्तन के बाहर नहीं गिरता।
Anti milk spilling vessel हिमांगी ने सरकार से पेटेंट करवाया अपना खास डिवाइस
हिमांगी ने स्कूल के फिजिक्स टीचर और अपने पिता डॉ. पानू हलदर के मार्गदर्शन में इस डिजाइन विकसित किया है। भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने आधिकारिक तौर पर 14 मार्च, 2024 को वेसल टू रिड्यूस वेस्टेज ऑफ लिक्विड नामक आविष्कार पेटेंट भी किया है । हिमांगी ने अपनी इस इनोवेशन को भारत सरकार से पेटेंट करवा लिया है। हिमांगी को अपने इस यूज़फुल इनोवेशन के लिए देश और विदेश में कई अवार्ड भी मिल चुके हैं। हिमांगी ने बताया उन्हें यह बर्तन बनाने में 7 महीने का समय लगा।
नेहरू विज्ञान केंद्र, मुंबई में आयोजित एक विज्ञान मेले में, हिमांगी के डिजाइन को देश भर के प्रतिभागियों के बीच सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट का पुरस्कार दिया गया। इस परियोजना को मलेशिया में इंटरनेशनल ग्रासरूट्स इनोवेशन फोरम में उत्कृष्टता प्रमाणपत्र भी मिल चुका है।
उन्हें उम्मीद है कि उनका यह इनोवेशन जल्द ही एक प्रोडक्ट के रूप में मार्केट में मिलेगा । हिमांगी ने बताया कि यह प्रयोग करते समय उन्होंने जो बर्तन खरीदे थे उस पर केवल 80 रुपए का खर्च आया था। भले ही येआविष्कार देखने में छोटा है लेकिन घर की बड़ी प्रॉब्लम के लिए वाकई रामबाण है और हर ग्रहणी इस बर्तन को अपने रसोई घर में जरूर रखना चाहेगी।