Shardiya Navratri : इस वर्ष शारदीय नवरात्र का आरंभ 22 सितंबर 2025 से हो रहा है । नवरात्रि का यह पर्व देवी दुर्गा की उपासना का पर्व माना जाता है । देवी दुर्गा की कृपा पाने के लिए सभी भक्त इन नौ दिनों में आदिशक्ति की पूजा और स्थापना करते है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है। देवी दुर्गा का यह पर्व वर्ष में चार बार मनाया जाता है। जिसमें दो गुप्त नवरात्रि एक चैत्र नवरात्रि और दूसरी शारदीय नवरात्रि के नाम से जानी जाती है । इस वर्ष शारदीय नवरात्र का आरंभ 22 सितंबर 2017 से हो रहा है । इस वर्ष शारदीय नवरात्र क्यों है खास आइए इसके बारे में जानते हैं।
2025 माँ दुर्गा को समर्पित नौ दिन:
मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि का यह त्योहार हिंदू धर्म में खास त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। इन 9 दिनों तक चलने वाला शारदीय नवरात्र का प्रारंभ अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है। वर्ष में चार बार मनाई जाने वाली नवरात्रों में दो नवरात्रि श्रेष्ठ मानी जाती हैं। पहली चैत्र नवरात्रि और दूसरी शारदीय नवरात्र, चैत्र नवरात्र का आगमन चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि से शुरू हो जाता है । वहीं शारदीय नवरात्र का प्रारंभ अश्विन माह की प्रतिपदा तिथि से माना जाता है । इस वर्ष शारदीय नवरात्र का आरंभ 22 सितंबर 2025 से हो रहा है।
नवरात्रों में देवी दुर्गा का पूजन बहुत ही खास माना जाता है। मां दुर्गा का आगमन किस वाहन पर होगा और मां किस वाहन पर प्रस्थान करेगी । यह ज्योतिष यह मत के अनुसार बहुत ही खास होता है। प्रति वर्ष माँ दुर्गा का वाहन अलग होता है। सभी ज्योतिष गण माता रानी के वाहन को लेकर कई प्रकार की भविष्यवाणी भी करते हैं । माता का आगमन शुभ होगा या अशुभ यह उनके वाहन पर निर्भर करता है। इस नवरात्रि देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा और माता रानी का प्रस्थान मनुष्य के कंधे पर हो रहा है। ऐसा माना जाता है की मां दुर्गा का हाथी पर यह आगमन बहुत ही शुभ होता है। इस वर्ष मां का आगमन और प्रस्थान लोगों के लिए कितना शुभ होगा आइये इसके बारे में जानते हैं।
इस वर्ष नवरात्रि होगी दस दिनों की:
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर 2025 से से होगी । नवरात्रि के शुभ 9 दोनों का समापन नवमी तिथि यानी 1 अक्टूबर 2025 को होगा । इस वर्ष नवरात्रि की तृतीया तिथि दो दिन पड़ने से नवरात्रों में एक दिन की बढोत्तरी हो रही है। इस लिए इस वर्ष नवरात्रि 10 दिनों की मानी जा रही है।इसलिए 24 सितंबर और 25 सितंबर दो दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जायेगी।
कैसा होगा मां दुर्गा का हाथी पर आगमन:
देवी भागवत महापुराण के अनुसार मां दुर्गा का वाहन शेर को माना जाता है । लेकिन हर वर्ष नवरात्रि के समय माँ अलग-अलग वाहन पर सवार होकर आगमन करती हैं ।
जानकारो की माने तो इस वर्ष मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा जो सभी लोगों के लिए और देश के लिए सुख समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जा रहा है । ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा के गज पर आगमन से देश उन्नति और प्रगति करता है। देवी दुर्गा का ग़ज पर आगमन व्यापार में वृद्धि के साथ-साथ पड़ोसी देशों के साथ संबंध भी अच्छे बनाएगा । जब देवी दुर्गा का आगमन रविवार सोमवार के दिनों में होता है तो यह कृषि के क्षेत्र में प्रगति और तरक्की लेकर आता है। जिससे किसान वर्ग के लोगों और कृषि के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों को सफलता प्राप्त होती हैं। इस वर्ष नवरात्रि का त्योहार 9 दिन से एक दिन बढ़कर यानी 10 दिन का होगा। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दिन जब बढ़ के आते हैं और श्राद्ध के दिन घटते हैं तो वह अच्छे माने जाते हैं। इस प्रकार से माता दुर्गा का गज पर आगमन बहुत ही शुभ माना जा रहा है।
माता का प्रस्थान किस पर होगा:
नवरात्रि की 9 दिन की पूजा के उपरांत दशमी तिथि को माता का प्रस्थान माना जाता है। यह प्रस्थान हर दिन के हिसाब से अलग-अलग होता है। यह तो निश्चित है यदि मां का आगमन हुआ है तो मां का प्रस्थान भी होगा। माता रानी का प्रस्थान शुभ है या अशुभ इसके लिए हर बार के अलग-अलग रूप मान्य होते हैं। जैसे कि यदि माता का प्रस्थान रविवार या सोमवार को होता है तो इस दिन ऐसा माना जाता है कि उनकी सवारी भैंसें पर होती है, इनका प्रस्थान भैंसे पर शुभ नहीं माना जाता है। यह राष्ट्र के लिए अशुभ होता है । रोग और शोक की स्थिति बनी रहती है । वहीं यदि माता का प्रस्थान शनिवार या मंगल के दिन होता है तो यह दिन माता के प्रस्थान की सवारी मुर्गा होता है, जो कि देश दुनिया के लिए अशुभ फल देता है। इससे दुखों और कष्टों में वृद्धि होती है। वहीं अगर विदाई या दशमी तिथि का दिन बुधवार या शुक्रवार का पड़ता है,तो देवी का प्रस्थान हाथी पर होता है यह शुभ माना जाता है । इसका अर्थ होता है कि आपको अच्छे कार्य का फल मिलेगा। इसके साथ ही यदि माता का प्रस्थान दशमी तिथि बृहस्पतिवार के दिन होता है तो देवी दुर्गा का यह प्रस्थान मनुष्य के कंधे पर सवार होकर माना जाता है । यह एक शुभ और फलदायक सूचक होता है। इस प्रस्थान से देश में चारों तरफ सुख शांति संपन्नता होती है। इस वर्ष माँ का प्रस्थान मनुष्य के कंधे पर होगा जो कि अत्यंत शुभ होगा।
बबीता आर्या
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारी सामान्य संदर्भ के लिए है और इसका उद्देश्य किसी धार्मिक या सांस्कृतिक मान्यता को ठेस पहुँचाना नहीं है। पाठक कृपया अपनी विवेकपूर्ण समझ और परामर्श से कार्य करें।