Saturday, October 11, 2025
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चैत्र नवरात्रि 2025: इस बार 8 दिन होगी पूजा, जानिए घट स्थापना का शुभ मुहूर्त और विधि

Chaitra Navratri 2025

by KhabarDesk
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Chaitra Navratri 2025

Chaitra Navratri 2025: हिन्दू धर्म में नवरात्रि की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 2025 का आरंभ 30 मार्च से होगा और यह 6 अप्रैल तक चलेगी। ज्योतिष के अनुसार इस बार दुर्गा का वाहन हाथी होगा। जिसकी वजह से इस बार की नवरात्रि सुख समृद्धि से पूर्ण होगी। हिंदू धर्म में पूरे 9 दिनों तक माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। विशेष रूप से चैत्र नवरात्रि के दौरान कई राज्यों में नए वर्ष की भी शुरुआत मानी जाती है,जिसे गुड़ी पड़वा के नाम से भी जाना जाता है। इस बार की चैत्र नवरात्रि पर पांच विशेष योग बन रहे हैं। सर्वार्थ सिद्धि, योगेंद्र,बुध आदित्य योग, शुक्र आदित्य योग, लक्ष्मी नारायण योग, यह सभी योग विशेष रूप से फलदायक माने जाते हैं। आईए जानते हैं नवरात्रि पूजा की घट स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या होगा।

Chaitra Navratri 2025 

सनातन धर्म में नवरात्रि पूजा को एक विशेष उत्सव के रूप में मनाया जाता है। जिसे देवी पूजा, शक्ति पूजा या कन्या पूजन के रूप से भी जाना जाता है। मुख्यतः यह पर्व वर्ष में चार बार मनाया जाता है। किंतु इसमें से चैत्र नवरात्री और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। दोनों ही नवरात्रि का आरंभ ऋतु परिवर्तन के समय होता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथी का आरंभ 30 मार्च 2025 से होगा जो की 6 अप्रैल तक चलेगा।

चैत्र नवरात्रि का त्यौहार चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ हो जाता है। यह उत्सव लगातार 9 दिनों तक चलता है,हालांकि इस बार एक तिथि क्षय होने के कारण नवरात्रि का त्योहार 8 दिनों तक होगा। इस नवरात्रि में पंचमी तिथि का क्षय होने के कारण 8 दिन की नवरात्रि मनायी जायेगी। जिसमे की 2 अप्रैल दिन बुधवार को चौथी और पंचमी की पूजा एक साथ होगी। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत के साथ हिंदू नव वर्ष (विक्रम संवत) की शुरुआत भी होती है। इस समय सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं। यह समय किसी भी नई शुरुआत के लिए बहुत शुभ माना जाता है। पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की जाती है। यह 9 दिन आध्यात्मिक साधना के लिए एक सर्वोत्तम समय माना जाता है।

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त:

पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 29 मार्च 2025 शनिवार की संध्या 4:33 से होगा। वही इसका समापन 30 मार्च रविवार को दोपहर 2:14 पर होगा।

यदि घट स्थापना के शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो पहला मुहूर्त 30 मार्च 2025 को सुबह 6:12 से लेकर 10:20 तक रहेगा । वहीं अगर अभिजीत मुहूर्त की बात की जाए तो यह दोपहर 11:59 से लेकर 12:49 बजे तक रहेगा। इस बीच सुबह 10:30 बजे से लेकर 12:00 के बीच घट स्थापना करने से बचे । यदि देखा जाए तो इस वर्ष घट स्थापना के लिए केवल 50 मिनट का ही विशेष शुभ मुहूर्त निर्धारित किया गया है।

Chaitra Navratri 2025  कलश स्थापना की विधि:

नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना करने के लिए सबसे पहले आपको कलश स्थापना की जगह को स्वच्छ करना चाहिए। वहां एक लकड़ी के पाटे पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर गंगा जल अक्षत और पुष्प छिडकने चाहिए । एक मिट्टी के बड़े पात्र में मिट्टी डाल दे और उसमें जौ को बीज डाल दें।

इस पर कुछ मात्रा में साफ जल छिड़क दे। एक जल से भरे कलश पर मौली बांध दें जल के अंदर सुपारी, दूर्वा,अक्षत ,रोली और सिक्का इत्यादि डालकर कलश के किनारे पर आम के पांच पत्ते रख दें। अब कलश का मुंह ढक्कन से ढक दे। एक नारियल लेकर उस पर रोली से स्वास्तिक बनाएं ,एक लाल कपड़ा या चुनरी लपेट दे। तत्पश्चात कलावे से चुनरी को नारियल पर बांध दे। इसके बाद जवारे वाला पात्र और कलश की स्थापना लकड़ी के पाटे पर करें ।तत्पश्चात मां दुर्गा का आवाहन करें सभी देवता देवी देवताओं के आवाहन के साथ नवरात्रि की पूजा का आरंभ करना चाहिए। अब इस कलश की पूजा पूरे 9 दिनों तक करनी होगी। इसके साथ ही मां दुर्गा के नाम का एक अखंड दीपक भी जलाएं । मां दुर्गा के मंत्रो का जाप करे।

बबीता आर्या

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