Mahakumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ-2025 की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ की भव्य शुरुआत हो जाएगी । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा है कि Mahakumbh 2025 अपनी दिव्यता और भव्यता से न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए यादगार होगा बल्कि इतिहास में भी दर्ज हो जाएगा। श्रद्धालुओं को महाकुंभ का अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं। महाकुंभ 2025 में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरकार ने उन्हें एक यादगार अनुभव देने के लिए, यात्रा से लेकर सुरक्षा तक और पर्यटन से लेकर धार्मिक आयोजन तक सभी इंतजाम उच्च श्रेणी के करने का दावा किया है । आपको बताते हैं कि इस बार महाकुंभ में क्या-क्या सुविधा यात्रियों को मिलने वाली है।
तीर्थ यात्रा का सुलभ और सुरक्षित अनुभव
सड़कें पुल और यातायात : श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए सरकार ने मेला स्थल पर पहुंचने के लिए खास सड़कों का निर्माण किया है। साथ ही पुरानी सड़कों का भी रखरखाव कर उन्हें बेहतर बना दिया है। महाकुंभ से पहले ही 92 सड़कों का जीर्णोद्धार किया गया है। संगम स्थल पर पहुंचने वाली सभी सड़कों का चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण किया गया है। यातायात सुचारू रखने के लिए कई अस्थाई पुलों का निर्माण किया गया है। यह पुल शहर के विभिन्न हिस्सों को संगम स्थल से जोड़ेंगे। मेला स्थल पर 30 Pontoon पुलों का निर्माण किया गया है।
सार्वजनिक सुविधाएं : यात्रियों के लिए मेला स्थल पर साफ सफाई, पानी की व्यवस्था और कूड़ा निस्तारण का उचित प्रबंध किया गया है। मोबाइल शौचालय और साफ सफाई की विशेष व्यवस्था है। यात्रियों की सुविधा के लिए गंगा यमुना और सरस्वती जिसे त्रिवेणी संगम भी कहते हैं उसे क्षेत्र के आसपास एक अस्थाई शहर बसाया गया है।
Mahakumbh 2025 यात्रियों के लिए सज गई टेंट सिटी
यात्रियों को मेले में आरामदायक स्टे देने के लिए टेंट सिटी तैयार की गई है। जहां हजारों की संख्या में सुविधाजनक टेंट तैयार किए गए हैं। यहां लाखों श्रद्धालुओं के ठहरने का इंतजाम होगा। इस टेंट सिटी में साधारण टेंट लेकर प्रीमियम सुविधा वाले टैंट श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध होंगे।
सुरक्षा व्यवस्था : 7 सप्ताह तक चलने वाले महाकुंभ 2025 में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार ने हर तरह की व्यवस्था की है। सुरक्षा के लिए भीड़ के घनत्व की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके लिए स्मार्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। AI एनालिटिक्स से युक्त सीसीटीवी कैमरा द्वारा मेला स्थल की निगरानी होगी। 340 से ज्यादा एक्सपर्ट हर पल मेले की निगरानी करेंगे ताकि कहीं पर भी भगदड़, दुर्घटना या अत्यधिक भीड़ की स्थिति पैदा ना हो। कुभं मेला क्षेत्र में चिन्हित पाथवेज, दिशा दिखाने वाले साइन बोर्ड और यात्रियों की जानकारी के लिए कियोस्क भी स्थापित किए गए हैं। ताकि श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र घूमने में कोई परेशानी ना हो। घाटों पर पर्याप्त बैरियर और सुरक्षा जाल की व्यवस्था की गई है, जिससे यात्री सुगमता से मेला क्षेत्र में भ्रमण कर सकें और कहीं भी अत्यधिक भीड़ एक साथ जमा ना हो।
यात्रियों के लिए स्पेशल ZONE
यात्रियों की सुविधा के लिए कई स्पेशल जोन बनाए गए हैं, जहां श्रद्धालुओं के लिए पूजा पाठ, प्रार्थना सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
आधुनिक सुरक्षा व निगरानी व्यवस्था
मेले के लिए उच्च सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध किया गया है। जहां एंट्री प्वाइंट्स और महत्वपूर्ण कार्यक्रम स्थलों पर फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी (Facial Recognition Technology) द्वारा सुरक्षा जांच की जाएगी।
सीसीटीवी निगरानी : प्रवेश द्वार, स्नान घाट, सार्वजनिक स्थलों और यातायात स्थलों पर हजारों की संख्या में सीसीटीवी लगाए गए हैं ताकि पूरा मेला क्षेत्र कड़ी निगरानी में रहे। इन सभी सीसीटीवी कैमरो की केंद्रीय कमान सेंटर में लगातार निगरानी की जाएगी।
ड्रोन से होगी हवाई निगरानी
मेला क्षेत्र की हवाई निगरानी के लिए ड्रोन लगाए गए हैं, जहां से भीड़ की मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी साथ ही किसी भी संभावित सुरक्षा खतरे पर नजर रहेगी।
चप्पे चप्पे पर पुलिस बल
मेला क्षेत्र के चप्पे चप्पे पर यूपी पुलिस व केंद्रीय वालों की तैनाती रहेगी। यूपी पुलिस के साथ सीआरपीएफ (CRPF) और एनएसजी (NSG) भी सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगे। पूरे मेला स्थल पर महत्वपूर्ण स्थानो पर सुरक्षा अधिकारी स्वयं निगरानी करेंगे ताकि किसी भी इमरजेंसी से तुरंत निपटा जा सके।
आपातकालीन सेवा : इमरजेंसी सेवा के लिए मेला स्थल पर मेडिकल टीम, एंबुलेंस व अस्थाई अस्पताल की भी व्यवस्था की गई है।
पर्यटन, सांस्कृतिक, धार्मिक व आध्यात्मिक कार्यक्रम
महाकुंभ केवल धार्मिक मेला ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक व आध्यात्मिक उत्सव का भी मेला होगा। जहां देश के विभिन्न हिस्सो के साधु संत, आध्यात्मिक गुरु और धार्मिक संगठन सम्मिलित होंगे। देश-विदेश से पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए यह मेला अद्भुत सांस्कृतिक उत्सव की तरह होगा। सरकार व संस्थाएं भी इस मेले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार प्रसार देने में जुटी हुई हैं। मेले के दौरान भारतीय संस्कृति की बहुआयामी झलक पर्यटकों को देखने को मिलेगी। 7 सप्ताह तक मेले के दौरान शास्त्रीय गीत, संगीत, नृत्य और दूसरी परंपरागत कला शैलियों का प्रदर्शन किया जाएगा। भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। खास कार्यक्रमों में पर्यटकों को भारत के धार्मिक इतिहास के भी दर्शन होंगे।
अंतरराष्ट्रीय सहभागिता : विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी जहां उन्हें विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए भारत की सांस्कृतिक विविधता के दर्शन करने का मौका मिलेगा।
पर्यटन स्थल : प्रयागराज और उसके आसपास के पर्यटन स्थलों पर भ्रमण की सुविधा उपलब्ध रहेगी। Shringverpur जैसे पौराणिक स्थलों पर पर्यटकों के लिए विशेष प्रबंध रहेंगे।
कॉरिडोर व मंदिरों का जीणोद्धार : राज्य सरकार प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के लिए कई नए कॉरिडोर तैयार करवा रही है, जिसमें अक्षय वट कॉरिडोर (Akshayavat) सरस्वती कूप कॉरिडोर (Saraswati koop corridor) और पातालपुरी कॉरिडोर (Patalpuri corridor) प्रमुख है। साथी नागवासुकी मंदिर और हनुमान मंदिर कॉरिडोर का भी सौंदर्यीकरण शामिल है ।
स्वास्थ्य व wellness सेवाएं : किसी भी स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरे मेला क्षेत्र में पूरे युद्ध स्तर पर व्यवस्था की गई है। जहां आधुनिक मेडिकल उपकरणों से सुसज्जित अस्पताल और मेडिकल कैंप जगह-जगह स्थापित किए गए हैं। हाय ट्रैफिक के क्षेत्र में भी फर्स्ट एड स्टेशन और पैरामेडिक्स मौजूद रहेंगे।
एंबुलेंस सेवा : पूरे मेला क्षेत्र में खास स्थान पर एंबुलेंस तैनात रहेगी ताकि समय पर मदद पहुंच सके।
टेली मेडिसिन व वर्चुअल हेल्थ सपोर्ट : हेल्थ केयर संस्थानों के सहयोग से तीर्थ यात्रियों को टेलीमेडिसिन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
बुजुर्गों और बच्चों के लिए खास मेडिकल सुविधा: मेले में बड़ी संख्या में बुजुर्गों के भी आने की उम्मीद है। साथ ही कई परिवार भी यहां एक साथ पहुंचेंगे जहां वृद्ध और बच्चे शामिल होंगे। ऐसे में मेला स्थल पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष मेडिकल सुविधा दी गई है। उनके लिए अलग से हेल्थ कैंप बनाए गए हैं। जहां बुजुर्गों को मेले में आने जाने के लिए प्राथमिकता और मदद दी जाएगी।
Bhishma Cube : पहली बार मेला क्षेत्र में भीष्म क्यूब भी तैनात किए गए हैं। जहां आपातकालीन स्थिति में तुरंत स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाएगी। भीष्म क्यूब में एक साथ 200 लोगों का इलाज करने की सुविधा होगी। जहां सर्जरी से लेकर डायग्नोस्टिक समेत सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।
पर्यावरण सुरक्षा और डिजिटल समाधान
महाकुंभ 2025 के दौरान पर्यावरण सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाएगा श्रद्धालुओं की इतनी भारी भीड़ को देखते हुए गंगा और यमुना नदी की साफ सफाई का विशेष प्रबंध किया गया है, ताकि मेले के कारण नदी में किसी तरह का प्रदूषण न बढ़े ।
Mahakumbh 2025 मेला होगा इको फ्रेंडली
प्रशासन की पूरी कोशिश रहेगी कि मेले से पर्यावरण को कोई नुकसान ना हो, इसके लिए मेले में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम किया जाएगा। Reusable material के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा। लाइट के लिए सोलर पावर, रिन्यूएबल एनर्जी सोर्सेस का इस्तेमाल होगा। वेस्ट रिसाइकिलिंग का भी अच्छा प्रबंध होगा।
Mahakumbh 2025 डिजिटल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
यात्रियों के लिए डिजिटल सुविधा : यात्रियों के लिए मेला भ्रमण आसान बनाने के लिए मोबाइल एप्स और ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की गई है। मेले के लिए सरकार ने खासतौर पर कुंभ मेला ऐप Sah’AI’yak लॉन्च किया है। इस ऐप पर तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को मेले की सभी जानकारियां मिल जाएगीं। ऐप पर सही रास्तों, भीड़ की लाइव स्थिति, अपडेट्स, इमरजेंसी अलर्ट्स और रहने की व्यवस्था की संपूर्ण जानकारी होगी। यात्रियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी होगी, जहां खास कार्यक्रमों के लिए ऑनलाइन माध्यम से टिकट व ट्रांसपोर्ट के लिए डिजिटल पास उपलब्ध कराए जाएंगे। मेला क्षेत्र में अस्थाई वाई-फाई जॉन भी बनाए जाएंगे। साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए मोबाइल कनेक्टिविटी का विशेष इंतजाम रहेगा, ताकि यात्रियों को कनेक्टिविटी की कोई समस्या ना आए।
Mahakumbh 2025 हर लिहाज से अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस होगा ताकि यहां आने वाले हर तीर्थ यात्री और पर्यटक को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं के साथ अद्भूत आध्यात्मिक अनुभव का आनंद मिल सके।