Junk food : क्या आप जानते है कि जंक फूड सेहत के लिये तो नुकसानदायक होता ही है, साथ ही जंक फूड खाने की लालसा से अधिक भोजन खाने की प्रवृत्ति स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती हैं । हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार यह पता चलता है कि बच्चे स्वाद के कारण जंक फूड खाते हैं। यह रिपोर्ट आपको चौंका सकती है कि बच्चे सिर्फ अपने जीभ के स्वाद के लिए जंक फूड खाते हैं। आईएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक जंक फूड का सिर्फ एक 5 मिनट का विज्ञापन जिसमे चीनी, वसा और नमक की मात्रा अधिक होती है । बच्चों को अधिक कैलोरी लेने के लिए प्रेरित करने के लिए पर्याप्त है। जिसकी वजह से कई देशों में बच्चे मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं। इस 5 मिनट के विज्ञापन के जरिए बच्चे एक दिन में काफी ज्यादा खाना खा लेते हैं।
5 मिनट का एक विज्ञापन बच्चों की सेहत पर असर डाल रहा है:
क्या आप जानते हैं कि टीवी यूट्यूब या सोशल मीडिया पर दिखाए जाने वाले विज्ञापन बच्चों को ज्यादा खाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। जिसमें जंक फूड का दिखाया जाने वाला विज्ञापन बच्चों की खाने की आदत से सीधा संबंध रखता है। ऐसे में एक जंक फूड का 5 मिनट का विज्ञापन किसी भी बच्चे को दिन भर में अधिक कैलोरी खाने के लिए प्रेरित कर सकता है । एक अध्ययन के अनुसार पता चलता है कि जब आप विज्ञापनों में बर्गर या मलाईदार मिल्कशेक की तस्वीरों को देखते हैं, तो इससे आपकी धारणा इन वस्तुओं के प्रति बदल सकती है। जबकि ताजा सलाद और फलों की तस्वीर देखकर आपकी धारणा शायद ना बदले। यानी जंक फूड के विज्ञापन देखने पर बच्चे अधिक मात्रा में खाना खाते हैं जो उनकी सेहत के लिए खराब होता है।
विज्ञापन सिर्फ उत्पाद बेचने के लिये नहीं है:
एक अध्ययन में सामने आया है कि 5 मिनट तक जंक फूड के विज्ञापन देखने के बाद बच्चे लगभग 130 कैलरी ज्यादा खा लेते है। विज्ञापन न केवल बच्चों को आकर्षित करते बल्कि उनकी भूख को भी बढ़ा देते हैं। लिवरपूल यूनिवर्सिटी के अध्ययन के मुताबिक किसी भी प्रकार के खाद्य विज्ञापन को केवल 5 मिनट तक ही बच्चों को दिखाने से वह 130 अतिरिक्त कैलोरी ग्रहण कर लेते हैं । यह विज्ञापन किसी भी प्रकार का विज्ञापन हो उसका प्रभाव बच्चों पर समान रूप से ही पड़ता है। इस प्रकार के अध्ययन में 7 से 15 वर्ष की उम्र के बच्चों को शामिल किया गया था। लेखिका प्रोफेसर “बॉयलैंड” का कहना है कि विज्ञापन सिर्फ उत्पाद बेचने के लिए नहीं है। अपितु वह बच्चों की भूख और स्वास्थ्य पर गहरा असर डालते हैं। जिसकी वजह से युवा लोगों में कैलोरी सेवन में निरंतर वृद्धि हो रही है। जिसकी वजह से मोटापा और अन्य प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
बचपन में मोटापा एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता का विषय !
- टाइप 2 मधुमेह
- उच्च रक्तचाप
- जोड़ों की समस्याएं
- अवसाद
बच्चों पर किये गये अध्यन के अनुसार:
किए गए शोध में बच्चों को दो बार पांच-पांच मिनट के दो वीडियो दिखाए गए। जिसमें एक बार जंक फूड का विज्ञापन था, और दूसरी बार एक साधारण विज्ञापन बच्चों को दिखाया गया। जिसके बाद बच्चों को खाने के लिए उन्हें स्नेक्स और लंच में सेहतमंद और जंक फूड दो प्रकार के भोजन दिए गए । जिसके परिणाम स्वरुप बच्चों ने स्नैक्स के रूप में 58 कैलरी ज्यादा खाई और मध्याहन भोजन में 130 अतिरिक्त कैलोरी का उपभोग किया । जानकारों का कहना है कि इस तरह का भोजन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है।
विज्ञापनों को लेकर उचित कदम की जरूरत :
विशेषज्ञो का कहना है कि इस प्रकार के अध्ययन से प्रतिबंधात्मक नीतियों को डिजाइन करने में मदद मिलेगी । जो बच्चों के लिए स्वास्थ्यकर साबित होंगे। ओबेसिटी हेल्थ एलाइंस के निर्देशक कैथरीन जेनर का कहना है कि “खाद्य विज्ञापन बच्चों में अतिरिक्त कैलोरी सेवन को बढ़ावा देते हैं” इसके लिए सरकार को टीवी और इंटरनेट पर दिखाए जाने वाले विज्ञापन जो बच्चों को जंक फूड के लिए प्रेरित करते हैं, उनको खत्म करने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए । इसके साथ-साथ माता-पिता को भी बच्चों को सिखाना चाहिए कि जंक फूड और अतिरिक्त खाना सेहत के लिए बिल्कुल भी लाभदायक नहीं है ।
बबीता आर्या