भारत में डायबिटीज के रोगियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है और इससे लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है। बेहतर जानकारी और लाइफस्टाइल से न सिर्फ आप डायबिटीज को प्रभावी तरीके से नियंत्रित कर सकते हैं बल्कि इसे रोक भी सकते हैं।
आइए जानते है मधुमेह( Diabetes) से जुड़ी इन 5 जटिलताओं को (Diabetes and Related Complications)
1. Heart disease (हृदय से जुड़ी समस्याएं)
स्वस्थ लोगों की तुलना में मधुमेह (diabetes) से प्रभावित लोगों को हृदय से जुड़ी बीमारियों ( Heart Problems) के दोहरे खतरे का सामना करना पड़ सकता है। और यह खतरा कम उम्र में ही दस्तक देने लगता है। डायबिटीज के रोगियों को हृदय रोग से जुड़ी समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाना चाहिए ।
इसमें नियमित व्यायाम,
सुबह खुली हवा में 30 से 40 मिनट टहले, लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि ठंड के मौसम में अत्यधिक ठंड और प्रदूषण के कारण सुबह के वक्त टहलना स्वास्थ्य की दृष्टि से खतरनाक भी हो सकता है। संतुलित आहार- संतुलित आहार में रोटी, दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंकुरित अनाज, मौसमी फल जिसमे शुगर की मात्रा कम हो का सेवन करना चाहिए। एवं डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवाइयों का सेवन करते रहना चाहिए।
2. chronic kidney disease ( पुराना किडनी रोग )
क्रॉनिक किडनी डिजीज का बहुत बड़ा कारण डायबिटीज(diabetes) है। ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के साथ क्रॉनिक किडनी डिजीज को नियंत्रित करने के लिए नमक का कम मात्रा में सेवन करना चाहिए, साथ ही प्रोटीन का सेवन भी कम मात्रा में ही करनी चाहिए। इसके अलावा आप अपने को अच्छी तरह से हाइड्रेट रखें यानी पूरे दिन आवश्यकतानुसार पानी पीयें और विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करना चाहिए। और अपनी किडनी हेल्थ को समय-समय पर मॉनिटर करते रहें।
3. Foot Infections : (पैरों में संक्रमण)
डायबिटीज के कारण पैरों में संक्रमण से संबंधी रोग हो जाता है। लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर रहने के कारण पैरों के Nerves और Vessels क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। डायबिटीज के कारण पैरों के संक्रमण संबंधी रोगों की रोकथाम के लिए पैरों की देखभाल, स्वच्छता संबंधी ख्याल,अच्छे किस्म के आरामदायक जूतों के इस्तेमाल के साथ छोटी-मोटी इंजरी को भी डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए।
4. Eye Issues (आँख संबंधी मामले)
45 प्रतिशत से ज्यादा डायबिटीज के रोगी आँख संबंधी रोग के इलाज के लिए डॉक्टर से मिलने से पहले ही अपने आंखों की रोशनी खो देते हैं । आंखों में धुंधलापन और नेत्र संबंधी रोगों को डायबिटीज रोगी बढ़ती उम्र के प्रभाव और क्षणिक (Transient) मानकर पर टाल देते हैं। नेत्र संबंधी रोगों में शुरुआत में धुंधलापन, नजर के सामने धब्बा आना और बार-बार चश्मा के पावर/नंबर में बदलाव आदि खास लक्षण होते हैं। इस खतरे को कम करने के लिए ABC को नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी है। ABC यानि A1C, ब्लडप्रेशर (Blood Pressure), कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) को नियंत्रित रखने के लिए नियमित अंतराल पर आंखों की जांच, धूम्रपान का त्याग और हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाने से डायबिटीज संबंधी रोग और उसके प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है।
5. Oral Problems (मुंह से संबंधित परेशानियां)
डायबिटीज से (Oral Complications) मुंह से जुड़े रोगों की परेशानियां देखी जा सकती है, जिसमें मसूड़े की बीमारी, (Dry Mouth) मुंह का बार-बार सुखना और मुंह की इंजरी का देर से ठीक होना शामिल है. इन सभी परेशानियों को नियंत्रित करने के लिए मुंह से संबंधी स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना (Vigilant Oral Hygiene), ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना, नियमित दांत के डॉक्टर से जांच करवाना और अपने आप को अच्छी तरह से तरलित (Well hydrated) रखकर इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है और Oral Health को भी ठीक रखा जा सकता है।
महत्वपूर्ण ध्यान देने योग्य बातें
ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित कर डायबिटीज (diabetes) से जुड़ी जटिलताओं को दूर किया जा सकता है। ऐसा करने के लिए आप शुगर लेवल को लगातार मॉनिटर करते रहें और किसी तरह की परेशानी से जुड़े लक्षण देखे तो आप तुरंत इसे गंभीरता से लें और अपने डॉक्टर से परामर्श करें। सही जानकारी एवं केयर से आप डायबिटीज को शिकस्त दे सकते हैं